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Sattu भारत का एक प्रसिद्ध और पसंदीदा व्यंजन है जो भारत के अन्यान्य राज्यों में भी प्रचलित है। इसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में विशेष रूप से पसंद किया जाता है।
सत्तू, सत्तू का लिट्टी और सत्तू का पराठा बिहार और झारखंड में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जबकि सत्तू का शरबत उत्तर प्रदेश में बहुत प्रसिद्ध है। सत्तू से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिये नीचे पढ़ें

Table of Contents
सत्तू क्या होता है | What is Sattu Powder
सत्तू एक प्रकार का आटा है जो चने, बाजरे या गेहूं से बनाया जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और आवश्यक ऊर्जा होती है, जो शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। सत्तू कई प्रकार से खाया जा सकता है, जैसे कि सत्तू , सत्तू का शरबत, सत्तू का लिट्टी, सत्तू का पराठा आदि। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है जो आपके भोजन में एक उत्कृष्ट विकल्प के रूप में जोड़ सकते हैं।
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घर पर सत्तू बनाने का तरीका
Step 1 सबसे पहले चने को पानी में भीगने के लिये एक घंटा रख दें।

Step 2 उसके पश्चात भींगे चनों को धूप में सुखा लें।
Step 3 सूखने के बाद इन्हें चूल्हे पर एक कढ़ाई में थोड़ी सी बालू डालकर भून लें। बालू ना होने पर इसे ऐसे भी कढ़ाई में भून सकते हैं। जब आप देखें कि कि चना को भूनते समय छिलके निकल जा रहा है तब इसे निकाल कर सारे छिलके को हटा दें।
Step 4 भुने चने दाल को या तो घर पर ग्राइंडर में पीस लें या फिर इसे बाहर किसी चक्की पर पिसवा लें। इस तरह आपका सत्तू तैयार हो गया।
Step 5 कहीं-कहीं स्वाद के लिए इसे भूने हुए मसालों, यथा जीरा, काली मिर्च इत्यादि के साथ पीसा जाता है।
सत्तू सिर्फ चने का ही नहीं बल्कि मक्का (भूट्टा) और जौ का भी बनाया जाता है। जौ के सत्तू के लिये भी उपर्युक्त प्रक्रिया ही जौ के साथ की जाती है।
मक्का के सत्तू को भी इसी प्रक्रिया से बनाया जाता है, बस मक्का को बिना पानी में भिगोए तैयार किया जाता है।।
सत्तू से बनाये जाने वाले व्यंजन
सत्तू पराठा
सत्तू पराठा उत्तर भारत का महत्वपूर्ण Food है जो अपने स्वादिष्ट और पौष्टिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार का पराठा होता है जिसमें सत्तू को आटा में भरकर बनाया जाता है। सत्तू पराठा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का हर घर में बनने वाला Food है।

सत्तू पराठे में सत्तू को गेहूं के आटे में भरा जाता है स्वाद के लिए सत्तू में प्याज, हरी मिर्च, धनिया पत्ती, अजवाइन और नमक मिलाया जाता है। सत्तू भरे हुए आटे को बेलकर पराठा रूप में बनाया जाता है और फिर इसे तवे पर सेंक कर सुनहरा कर लिया जाता है।
यूँ तो सत्तू को दही के साथ खाया जाता है लेकिन कई जगह पर इसे चटनी या फिर आचार के साथ खाया जाता है।
लिट्टी-चोखा
लिट्टी-चोखे के लिए आटे की छोटी-छोटी गोल लोइयां बनाकर उन्हें थोड़ा चपटा कर लिया जाता है और इसमें सत्तू, प्याज, हरी मिर्च, धनिया पत्ती, अजवाइन और नमक मिला कर तैयार मिक्स को भर लिया जाता है।

सत्तू भरे हुए आटे को गोल कर गेंद के रूप में बनाया जाता है और फिर इसे आग या ओवन में पर सेंक कर सुनहरा कर लिया जाता है।
यूँ तो लिट्टी को चोखा के साथ खाया जाता है Non-veg लोग इसे चिकेन के साथ भी खाते हैं
सत्तू का शरबत
सत्तू शरबत उत्तर भारत का महत्वपूर्ण पेय है जो अपने स्वादिष्ट और पौष्टिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। सत्तू प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स से भरपूर होता है जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
यह एक प्रकार का शरबत होता है जो गर्मियों में विशेष रूप से पॉपुलर होता है, यह गर्मी के मौसम में आपको प्राकृतिक तरीके से ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

सत्तू का शरबत बनाने के लिए सत्तू को पानी में मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है। इसके लिए सत्तू को बर्तन में डाल कर और उसमें पानी, नमक, काला नमक, हरा मिर्च, नींबू का रस, पुदीना की पत्तियाँ और थोड़ा सा भुना जीरा डाल कर अच्छी तरह से मिलायें। लीजिए सत्तू का शरबत तैयार हो गया
नोट काफ़ी जगह सत्तू के मीठे शरबत भी पिया जाता है।
सत्तू का मीठा शरबत
सत्तू का शरबत बनाने के लिए सत्तू को थोड़े पानी में मिलाकर अच्छे तरह से मिलाये ताकि सत्तू में गुठली ना बचे। इस सत्तू को बर्तन में डाल कर उसमें पानी, चीनी या शहद, नींबू का रस, अदरक का रस और थोड़ा सा नमक मिलाकर अच्छी तरह से मिक्स करें। इस तैयार शरबत को फिल्टर कर लें और सर्व करने से पहले इसमें बर्फ डाल लें या फिर इसे फ्रिज में ठंडा कर लें।
सत्तू की कचौरी
सत्तू का कचौरी उत्तर भारत का महत्वपूर्ण Food है , जो अपने स्वादिष्ट और पौष्टिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार की गरमा-गरम कचौरी होती है जिसमें सत्तू भरा हुआ होता है।

कचौरी का आटा तैयार लिए मैदा के साथ कलौंजी, नमक, अजवाइन आदि अच्छी तरह से मिला लें फिर इसमें रिफाइंड तेल डाल कर पानी डाल कर गूंथ लिया जाता है।
सत्तू का कचौड़ी बनाने के लिए सत्तू को एक बड़े बाउल में डालें और उसमें प्याज, हरी मिर्च, धनिया पत्ती, नमक, अदरक, लाल मिर्च पाउडर, और अमचूर पाउडर को मिलाकर भरने के लिए तैयार कर लिया जाता है।
अब आटे की छोटी-छोटी गोल लोइयां बनाकर उन्हें थोड़ा चपटा कर लिया जाता है और इसमें सत्तू के तैयार मिक्स को भर लिया जाता है। अब इसे कचौरी आकर में बेल लें और इसे रिफाइन में ब्राउन होने तक फ्राई कर लें। आपकी सत्तू की कचौरी तैयार है।
इसे हरी चटनी या सॉस के साथ सर्व करें
सत्तू के फायदे Benefits of Sattu

सत्तू में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह आपको भोजन की अधिकतम पोषक गुणवत्ता प्रदान करता है और आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है।
सत्तू में मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और पेट को संतुलित रखता है। यह मोटापा को कम करने में भी सहायता प्रदान कर सकता है।
सत्तू में मौजूद विटामिन और मिनरल्स आपके शरीर की रोगों से लड़ाई में मदद करते हैं और आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।
सत्तू कहाँ का डिश है
सत्तू की उत्पत्ति मगध क्षेत्र बिहार से हुई मानी जाती है। सत्तू बनाने की प्रक्रिया प्राचीन काल से है। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के बड़े क्षेत्र में सत्तू खाया जाता है।
सत्तू का मतलब | Sattu Meaning
“सत्तू” शब्द का अर्थ होता है एक पारंपरिक भारतीय food प्रोडक्ट, जिसे भुने चने के आटे या अन्य अनाजों जैसे गेहूं या जौ के आटे से बनाया जाता है। सत्तू को उसके High Protein और Fibre content के लिए महत्व दिया जाता है और भारतीय रसोईघर में एक स्वस्थ food विकल्प माना जाता है।
FAQs
सत्तू पाउडर क्या है
सत्तू एक प्रकार का आटा है जो चने, बाजरे या गेहूं से बनाया जाता है, सत्तू को ही सत्तू पाउडर भी कहते हैं
सत्तू कैसे खाया जाता है
सत्तू को आप पानी के साथ पी सकते हैं, या फिर इसके आटे से रोटी बना सकते हैं। सत्तू को काफ़ी तरीक़े से खाया जाता है जैसे सत्तू पराठा, सत्तू के लिट्टी, सत्तू के लड्डू, और सत्तू की शरबत
सत्तू के खाने से किस तरह का प्रोटीन मिलता है
सत्तू में प्रमुख रूप से Plant-based प्रोटीन होता है, जिसे इसके चने के आटे से प्राप्त किया जाता है जो की शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
क्या सत्तू को बच्चे भी खा सकते हैं
बिलकुल, सत्तू को बच्चे भी खा सकते हैं, बच्चों के लिए यह अच्छा होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन और पोषक तत्व होते हैं जो उनके विकास के लिए फायदेमंद होते हैं।
सत्तू को खाने का सबसे अच्छा समय क्या होता है?
सत्तू को सुबह के नाश्ते या दोपहर के भोजन में किसी भी समय खाया जा सकता है। यह आपके पसंद और जरूरत के हिसाब पर निर्भर करता है।
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