बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 : Bihar Caste Census Report 2023

बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 आज दिनांक 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार द्वारा जारी कर दी गई है। यह बिहार सरकार द्वारा बिहार में कराये गये जाति आधारित आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट है।काफ़ी विवादों के बाद इस जातीय जनगणना को 2 चरणों में कराया गया था जिसका उद्देश्य बिहार के लोगों के परिवारों की संख्या और उन परिवारों में रहने वालों की जाति,आर्थिक-सामाजिक स्थिति की जानकारी जुटाना था। 

इस जनगणना में 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 लोगों का गिनती किया गया। इस पोस्ट में बिहार की सारी जातियाँ एवम् धर्मों की संख्या को बताया गया है।

बिहार की जाति जनगणना bihar ki jati janaganana

बिहार भारत के एक प्रमुख राज्य के रूप में जाना जाता है, और यहां जनसंख्या और आवश्यकता के स्तर में काफी विविधता और अस्थिरता है

बिहार में जाति सर्वेक्षण को दो चरणों में किया गया

पहला चरण 7 जनवरी, 2023 से शुरू हुआ जो 21 जनवरी 2023 को समाप्त हुआ, पहला चरण में बिहार के सभी घरों की संख्या दर्ज़ की गई।इसके लिए गणनाकारों को 17 प्रश्नों का एक सेट दिया गया था जिसका उत्तरदाता को अनिवार्य रूप से उत्तर देना था।

दूसरे चरण में घरों में रहने वाले व्यक्तियों की जातियाँ, उप-जातियों और उनके सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के संबंध में जानकारी एकत्र किया गया।

2023 जनगणना के अनुसार, बिहार में कुल परिवारों की संख्या 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 है। जिनकी वर्तमान जाति आधारित जनगणना के मुताबिक कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है।

बिहार में महिला-पुरुष अनुपात

इस राज्य में प्रति 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं, पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है जबकि अन्य की जनसंख्या 82 हजार 836 है।

बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 : Bihar Caste Census Report 2023

क्र.स.श्रेणीवारआंकड़ाप्रतिशत
1अत्यंत पिछड़ा वर्ग4,70,80,51436.0148%
2पिछड़ा वर्ग3,54,63,93627.1286%
3अनुसूचित जाति2,56,89,82019.6518%
4अनारक्षित2,02,91,67915.5224%
5अनुसूचित जनजाति21,99,3611.6824 %

बिहार की जातियों की जनसंख्या

बिहार में सबसे अधिक आबादी यादव समुदाय की है, जो 14% है, उसके बाद पासवान समाज की आबादी 5.3%, रविदास समाज की आबादी 5.2%, कुशवाहा समाज की आबादी 4.2%, ब्राह्मण समाज की आबादी 3.65%, राजपूत समाज की आबादी 3.45%, मुसहर समाज की आबादी 3.08%, भूमिहार समाज की आबादी 2.86%, कुर्मी समाज की आबादी 2.8%, मल्लाह समाज की आबादी 2.60%, बनिया समाज की आबादी 2.31%, और कायस्थ समाज की आबादी 0.60% है। नीचे दिये हुए तालिका में आप इसको देख सकते हैं

क्र.स.श्रेणीवारप्रतिशत
1यादव14%
2पासवान5.31%
3रविदास5.25%
4कुशवाहा4.2%
5ब्राह्मण3.65%
6राजपूत3.45%
7मुसहर3.08%
8कुर्मी2.8%
9भूमिहार2.86%
10तेली 2.81
11कानू 2.21%
12मल्लाह2.60%
13बनिया2.31%

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बिहार धर्म जनगणना रिपोर्ट 2023 : Bihar Religion Census Report 2023

इस जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में हिन्दू धर्म की आबादी 81.99% है, मुस्लिम धर्म की आबादी 17%, ईसाई धर्म की आबादी 0.05%, सिख धर्म की आबादी 0.011%, बौद्ध और जैन धर्म की आबादी 0.085%, 0.096% है।

क्र.स.श्रेणीवारप्रतिशत
1हिंदू81.99%
2मुस्लिम17%
3ईसाई0.05%
4जैन0,096%
5बौद्ध 0.085%
6सिख0,011%
7अन्य 0.12%

अन्य धर्मों के अनुयायियों की आबादी 0.12% है और धर्म से अविभागित व्यक्तियों की आबादी 0.016% है।

इन आंकड़ों से हम बिहार की आबादी के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे और बिहार राज्य के विविध सांस्कृतिक समृद्धि को स्वीकार करते हैं।

अगर आप बिहार सरकार द्वारा जारी पूरी बिहार जनगणना लिस्ट चाहते हैं तो ऊपर दिये PDF Download बटन पर क्लिक कर डाउनलोड करें।

बिहार जाति जनगणना का प्रभाव

  1. अब ओबीसी कोटा को 27% से अधिक बढ़ाने की माँग तेज होगी और EBC कोटे को ओबीसी कोटे के अंतर्गत अलग से कोटे की मांग होने की संभावना है।
  2. इस जनगणना के बाद बिहार के अति पिछड़ी जातियों को मज़बूत नेतृत्व मिल सकता है, अब उन्हें दिखेगा की 36% जनसंख्या के साथ वो सरकार बना और गिरा सकते हैं। उम्मीद है बिहार के अति पिछड़ी जातियाँ भी अब आगे आ कर नेतृत्व करेंगी।
  3. अब भारत के हर राज्यों में जातीय जनगणना की माँग उठेगी और आने वाले समय लगभग हर राज्य इसे करायेंगे। ये केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाएगी की वो अपने कार्य को जनसंख्या को ध्यान में रख कर करे।
  4. इस जनगणना से बिहार के दलित जातियों को मज़बूत नेतृत्व मिल सकता है। पासवान, रविदास और मुसहर मिलकर 14% होते हैं जो आने वाले समय एक मजबूत विकल्प होंगे।
  5. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने लव-कुश (2.87-4.2) समीकरण के सहारे अब तक राज कर रहे थे लेकिन इस जनगणना के बाद अब कुश समाज भी अपने ज़्यादा जनसंख्या के कारण नेतृत्व माँगेगा।
  6. अब राजनीति सवर्णों से होते हुए पिछड़ों तक पहुँचने के बाद अब अति पिछड़ों-दलितों तक जायेगी, ये समय का न्याय है जो अपने हिसाब से कार्य करती है।

बिहार जाति जनगणना का फायदा

इस जनगणना से जातियों की असली तस्वीर सामने आयेगी और कोई भी जाति ये नहीं कह पाएगा कि हम क़रीब-क़रीब इतना % हैं।

जाति जनगणना से ये भी साफ़ हो जाएगा कि किस जाति का क्या आर्थिक और सामाजिक स्थिति है और इस से सरकार को उनके अनुसार योजनाएँ बनाने में मदद मिलेगी।

इस जनगणना से नये जाति समूहों का उभार होगा और वो राजनीति और सामाजिक कामों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।

बिहार जाति जनगणना का नुकसान

इस जनगणना का सबसे बड़ा नुकसान जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास पर होगा, कम जनसंख्या वाले जातियाँ अपने जनसंख्या बढ़ाने के होड़ में लग जायेंगी जिसका दीर्घकालिक नुकसान होगा।

ज़्यादा जनसंख्या वाले जातियों की पूछ बढ़ेगी और छोटी जातियाँ किनारे हो जायेंगी।

सारे राजनीतिक दल विकास के काम करने की जगह वोटबैंक को मजबूत करने के लिए काम करने लगेंगी, और ये सामाजिक तानेबाने को नुक़सान पहुँचाएगा।

बिहार जाति जनगणना FAQs

बिहार में सबसे दूसरी अधिक आबादी किस जाति की है

बिहार में सबसे दूसरी अधिक आबादी पासवान जाति की है, जिनकी आबादी 5.31% है।

बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 में कौन सबसे बड़ा वर्ग है

बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 में अत्यंत पिछड़ा वर्ग सबसे बड़ा वर्ग है, जिसकी आबादी 36.01% है।

इससे पहले जनगणना कब कराया गया था

इससे पहले जाति-जनगणना 1931 में की गई थी और इससे संबंधित विवरण उस समय के ब्रिटिश सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से दिया गया था।

नोट:– आप अपने सुझाव हमें admin@iambrandbihar.com शेयर कर सकते हैं या फिर Contact Us पेज पर हमसे जुड़ सकते हैं। हम उस जानकारी को आपके नाम के साथ इस वेबसाइट पर पब्लिश करेंगे।

2 thoughts on “बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट 2023 : Bihar Caste Census Report 2023”

  1. बहुत ही बढ़िया जानकारी, पूरे जातिगत लिस्ट को डाउनलोड करने देने के लिए धन्यवाद।

    Reply
    • धन्यवाद, बिहार से संबंधित जानकारी कि लिये आप जुड़े हमसे।
      अगर आपके पास बिहार से संबंधित शेयर करने को कुछ है तो आप हमें लिख सकते हैं, हम उस जानकारी को आपके नाम से पोस्ट करेंगे।

      Reply

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