bihar ke pramukh mandir: अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल

Bihar ke pramukh mandir, को समझने के लिए हमें बिहार को समझना पड़ेगा। बिहार, भारत का ज्ञानभूमि है जो सिर्फ़ अपनी धरोहर से ही नहीं जाना जाता है, बल्कि बिहार आध्यात्मिक रूप से भी गहरा जुड़ा हुआ है।बिहार को भगवान सूर्य, माता जानकी, सती, भोलेनाथ से जोड़कर देखा जाता है, इसके अलावा बिहार को संसार के दो बड़े प्रभावशाली बौद्ध और जैन धर्मों की जन्मस्थली भी माना जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको बिहार के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के इतिहास और आध्यात्मिक महत्व की खोज पर ले जाते हैं।

Table of Contents

Bihar ke pramukh mandir । बिहार के प्रमुख मंदिर

वैसे तो बिहार में बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन यहाँ मैं बिहार के सबसे प्रमुख मंदिरों का बात करूँगा, आइये जानते हैं बिहार के प्रमुख मंदिरों को और उनके खासियत को

महाबोधि मंदिर । MAHABODHI TEMPLE

Mahabodhi Temple

हमारे बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर पूरे विश्व मशहूर है। महात्मा बुद्ध को बोधगया में ही ज्ञान प्राप्ति हुई थी। इसे आत्मज्ञान की भूमि भी कहते हैं। हर साल दुनिया भर से लाखों की संख्या में पर्यटक इस मंदिर में आते हैं। यह मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित है।

महाबोधि मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। ये श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क है लेकिन अगर आप कैमरा लेकर जाएँगे तो 100 रुपये देना होगा।

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विष्णुपद मंदिर । Vishnupad Temple

Vishnupad Temple

गया में स्थित विष्णुपद मंदिर बिहार के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान विष्णु (धर्मशिला) के पैरों के निशान की पूजा होती है। पितृ पक्ष के दौरान यहां देश-विदेश से श्रद्धालु अपने दिवंगत पूर्वजों के आत्माओं के “पिंड दान” नामक अंतिम अनुष्ठान को करने के लिए आते हैं। 100 फीट ऊँची इस मंदिर के सभा मंडप में 44 पिलर लगे हैं. विष्णुपद मंदिर का नाम भगवान विष्णु के 40 सेंटीमीटर पदचिह्न के कारण है। इस पदचिह्न में नौ प्रतीक चिन्‍ह बने हैं।

विष्णुपद मंदिर सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। ये श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह निःशुल्क है।

देव सूर्य मंदिर ।Deo Surya Mandir

देव सूर्य मंदिर

देव सूर्य मंदिर औरंगाबाद जिले में देव नामक स्थान पर स्थित एक हिंदू मंदिर है जो देवता सूर्य को समर्पित है। पूरे विश्व में यह एकमात्र सूर्य मंदिर है जो पश्चिमाभिमुख है। ऐसी मान्यता है की यहाँ देव माता अदिति ने छठ पूजा किया था और उनके पूजा से प्रसन्न हो कर छटी मैया ने उन्हें सर्व गुण सम्पन्न पुत्र होने का वरदान दिया था, तभी से यहाँ छठ पूजा का चलन शुरू हुआ। वैसे तो यहाँ हमेशा भीड़ होती लेकिन छठ पूजा के दौरान यहाँ भारी भीड़ होती है। मैं यहाँ रविवार के दिन गया था फिर भी काफ़ी लोग यहाँ पहुँचे हुए थे पूछने पर पता चला कि यहाँ शनिवार और रविवार को भी अच्छी भीड़ होती है।

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महावीर मंदिर । Mahavir Mandir

Mahavir Temple

राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर देश के अग्रणी हनुमान मन्दिरों में से एक है। मन्दिर में हनुमान जी की दो युग्म प्रतिमाएं हैं। यह मंदिर पटना जंक्शन के प्रवेश द्वार के बगल में अवस्थित है। इस मंदिर में भक्तों की अपार श्रद्धा है जिससे यहाँ हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यूँ तो यहाँ हर दिन भीड़ होता है लेकिन मंगलवार और शनिवार को बहुत ही भारी भीड़ होता है। यहाँ का नवैद्यम प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट और शुद्ध होता है।

जल मंदिर । JAL MANDIR

Jal Mandir

नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित जल मंदिर जैन समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भगवान महावीर को यहां मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। मंदिर में भगवान महावीर की चरण पादुका रखी गई है।

जल मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। ये श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह निःशुल्क है।

इस्कॉन मंदिर पटना । ISKCON TEMPLE PATNA

ISKCON Temple

बिहार की राजधानी पटना में स्थित इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple) की खुबसूरती श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। बता दे कि दो एकड़ क्षेत्र में फैले इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है। साथ ही इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके-बिहारी सहित अन्य भगवान की मूर्तियों का दर्शन-पूजन करते हैं। दरअसल मथुरा और गुजरात के बाद पटना देश का तीसरा मंदिर होगा, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का प्रयोग किया गया है। अपने निर्माण के साथ ही इस्कॉन मंदिर बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बन गई है, यहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

Bihar ke pramukh devi mandir । बिहार के प्रमुख देवी मंदिर

मुंडेश्वरी मंदिर । MUNDESHWARI MANDIR

Mundeshwari Temple

मुंडेश्वरी मंदिर कैमूर जिला के मुंडेश्वरी पहाड़ी पर स्थित है, यहाँ भगवान शिव और माता शक्ति की पूजा होती है। यह बिहार का सबसे पुराना मंदिर है और नवरात्री में यहाँ में मेला भी लगता है। इस मंदिर को लगभग 1700 साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। अपनी प्राचीनता और पौराणिक महत्वों के लिए यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है।

जानकी मंदिर । Janaki Temple

Janaki Mandir

सीतामढ़ी जिले के पुँधौरा ग्राम में स्थित जानकी मंदिर माता सीता की जन्मस्थली है। मान्यता है कि राजा जनक जी को हाल चलाते वक्त माता सीता यहीं मिली थी हर साल नवरात्रि और राम नवमी त्योहारों के दौरान हजारों की संख्या में भक्त यहां आते हैं। यह मंदिर लगभग 100 साल पूराना है।

मंगला गौरी मंदिर । MANGLA GAURI MANDIR

Mangla Gauri Temple

गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा मान्यता है कि यहां मां सती के शरीर का एक अंग गिरा था और यहां माँ सती की पूजा पोषण के प्रतीक स्तन के रूप में की जाती है।

मंगला गौरी मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। ये श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह निःशुल्क है।

पटन देवी मंदिर । PATAN DEVI MANDIR

Patan Devi Temple

राजधानी पटना में स्थित पटन देवी मंदिर को माँ पटनेश्वरी भी कहा जाता है। इस मंदिर को देवी उपासना का केंद्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार माता सती के भस्म होने पर भगवान विष्णु के द्वारा ‘सुदर्शन चक्र’ से काटी गई देवी सती की शव की ‘दाहिनी जांघ’ यहीं पर गिरी थी। पटना की पटनदेवी मंदिर भी देश 51 शक्तिपीठों में से एक है और ये मान्यता है कि माँ पटनदेवी हमेशा पटना शहर की रक्षा करती हैं।

मिथिला शक्ति पीठ मंदिर । MITHILA SHAKTI PITH MANDIR

Mithila Shakti Pith Temple

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मिथिला शक्ति पीठ मंदिर 52 पौराणिक शक्ति पीठों में से एक है। यहां देवी सती का बायां कंधा (वामा स्कंध) यहां गिरा था। यहाँ हर साल लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन और आशीर्वाद के लिए आते हैं।

मिथिला शक्ति पीठ मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। ये श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह निःशुल्क है।

थावे मंदिर । THAWE MANDIR

Thawe Mandir

बिहार के गोपालगंज में मां थावेवाली की मंदिर स्थित है। दरअसल यह मंदिर बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां नवरात्रि के समय हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और मातारानी का दर्शन पाते हैं। यहां का परकिया (मिठाई) काफी मशहूर है। यहां सच्चे मन से मां थावेवाली की पूजा करने से मातारानी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी कर देती हैं।

Bihar ke pramukh SHIV mandir । बिहार के प्रमुख शिव मंदिर

बाबा गरीब नाथ । baba garib nath

Garibnath Mandir

मुजफ्फरपुर का गरीब नाथ मंदिर में हर साल सावन में लाखो श्रद्धालु कावड़ ले के आते है! शिव भक्त सोनपुर के पास पहलेजा घाट से गंगा नदी का पवित्र गंगा जल ले कर सोनपुर-हाजीपुर के रास्ते 65 किलोमीटर की यात्रा नंगे पाँव पूरी कर के बाबा को जल चढ़ाते है। यह बिहार की सबसे लम्बी दुरी की कावड़ यात्रा है!

सिद्धेश्वर नाथ महादेवSIDDHESHWAR NATH MAHADEV

Siddheshwar Nath Mandir

गया से लगभग 24 किलोमीटर दूर मखदुमपुर जिला में बराबर पहाड़ पे यह मंदिर है, बराबर पहाड़ ऐसे भी अपने पौराणिक गुफा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सावन के महीने में श्रद्धालु यहाँ भगवान् शिव पे जल चढ़ाने आते हैं। यहाँ आने के लिए बेला रेलवे स्टेशन या मखदुमपुर रेलवे स्टेशन से सवारी गाड़ी मिल जाती है।

अजगैबीनाथ मंदिर । AJGAIBINATH MANDIR

Ajgaibinath Mandir

अजगैबिनाथ मंदिर बिहार के भागलपुर ज़िला के सुल्तानगंज में स्थित है। बाबा धाम यानी की देवघर जाने बाले कांवड़ यात्री यही से पवित्र गंगा जल लेकर लगभग 109 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर के देवघर में बाबा को जल चढ़ाते है। सावन माह में यहाँ पर लाखों कावड़ियो आते है और यहाँ से स्नान कर गंगा जल लेकर अपनी कांवड़ यात्रा की शुरुआत करते हैं।

अशोकधाम मंदिर । ASHOKDHAM MANDIR

Ashok Dham

लखीसराय जिले में स्थित अशोकधाम मंदिर को इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर साल लाखों शिव भक्त गंगा नदी में स्नान करने पश्चात महादेव के दर्शन करते हैं। यहाँ  जमीन के नीचे विशालकाय शिवलिंग की खोज अशोक नामक के एक लड़के ने की थी जिस कारण इस मन्दिर को अशोकधाम मंदिर भी कहा जाता है।

FAQ

बिहार के इन प्रमुख मंदिरों तक कैसे पहुँचें

बिहार के ये सारे प्रमुख मंदिर रेल और सड़क से जुड़ी हुई हैं, आप आसानी से बिहार के किसी भी ज़िले से आसानी से रेल,बस या अपनी गाड़ी से इन मंदिरों तक पहुँच सकते हैं।

बिहार के प्रमुख देवी मंदिर कौन हैं

बिहार के प्रमुख देवी मंदिर हैं मुंडेश्वरी मंदिर, जानकी मंदिर, मंगला गौरी मंदिर, पटन देवी मंदिर, मिथिला शक्ति पीठ और थावे मंदिर।
इस पोस्ट में आप इनके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

बिहार के प्रमुख शिव मंदिर कौन हैं

बिहार के प्रमुख शिव मंदिर हैं बाबा गरीब नाथ मंदिर , सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर , अजगैबीनाथ मंदिर, अशोकधाम मंदिर
इस पोस्ट में आप इनके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

बिहार के सबसे प्रमुख मंदिर कौन है

बिहार के सबसे प्रमुख मंदिर 2 मंदिर हैं एक महाबोधि मंदिर और दूसरा विष्णुपद मंदिर।

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